विश्व उपभोक्ता अधिकार दिवस कब, क्यों और कैसे मनाया जाता है?
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उपभोक्ता अधिकारों के बारें में जागरूकता फैलाने के उद्देश्य से मनाया जाने वाला विश्व उपभोक्ता अधिकार दिवस (World Consumer Rights Day) इस साल 15 मार्च 2025 को शनिवार के दिन मनाया जा रहा है। इस मौके पर भारत का उपभोक्ता मामले विभाग 14 से 20 मार्च 2025 तक “उपभोक्ता अधिकारिता सप्ताह” का आयोजन कर सकता है।
भारत में भी हर साल 24 दिसम्बर को राष्ट्रीय स्तर पर उपभोक्ता अधिकार दिवस मनाया जाता है। यहाँ उपभोक्ताओं को उनके अधिकारों के प्रति जागरूक करने के लिए ‘जागो ग्राहक जागो’ जैसे अभियान चलाए जा रहे है।

नाम | विश्व उपभोक्ता अधिकार दिवस |
तारीख़ | 15 मार्च (वार्षिक) |
शुरूआत | वर्ष 1983 में (कंजूमर्स इंटरनेशनल संस्था द्वारा) |
पहली बार | 15 मार्च 1983 |
उद्देश्य | उपभोक्ताओं को उनके अधिकारों प्रति जागृत करना |
थीम (2025) | ए जस्ट ट्रांजिशन टू सस्टेनेबल लाइफस्टाइल |
उपभोक्ता अधिकार दिवस मनाने की शुरूआत कैसे हुई? (इतिहास)
15 मार्च 1962 को अमेरिका के तत्कालीन राष्ट्रपति जॉन एफ कैनेडी द्वारा उपभोक्ता अधिकारों के विषय में दिए गए उनके शानदार भाषण के करीब 20 साल बाद वर्ष 1983 में कंजूमर्स इंटरनेशनल नामक संस्था द्वारा इस ऐतिहासिक दिन अथार्त 15 मार्च को रेखांकित करते हुए इसे विश्व उपभोक्ता अधिकार दिवस के रूप में मनाने की शुरुआत की गई।
वर्ष 1983 में इसकी शुरूआत के बाद पहला वर्ल्ड कंज्यूमर राइट्स डे 15 मार्च 1983 को मनाया गया था। इसका उद्देश्य उपभोक्ताओं के अधिकारों की रक्षा करना एवं इसके बारे में जागरूकता फैलाना है।
वर्ल्ड कंज्यूमर राइट्स डे क्यों मनाया जाता है? (महत्व)
प्रत्येक 15 मार्च को उपभोक्ता आंदोलन और विश्व उपभोक्ता अधिकार दिवस उपभोक्ता अधिकारों और जरूरतों के बारे में वैश्विक जागरूकता बढ़ाने का एक अवसर है। जो सभी उपभोक्ताओं के अधिकारों का सम्मान किए जाने और उनकी रक्षा की वकालत करता है।
इसके आलावा यह दिन बाजार के दुरुपयोग और उन अधिकारों को कमजोर करने वाले सामाजिक अन्याय तथा बाज़ार में होने वाली ठगी, मिलावट, MRP से ज्यादा दाम, बिना तोले समान बेचना या नापतोल में गड़बड़ी, गारंटी के बाद भी सर्विस न देना तथा एक्सपायरी डेट या सील टूटी हुई वस्तुएं बेचने अथवा बिल ना देने व धोखाधड़ी जैसे अपराधों का विरोध करता है।
उपभोक्ता अधिकार दिवस 2025 की थीम (विषय)
कंज्यूमर्स इंटरनेशनल संस्था के नेतृत्व में हर साल 15 मार्च को मनाए जाने वाले उपभोक्ता अधिकार दिवस 2025 की थीम ‘सतत जीवनशैली की ओर उचित बदलाव‘ (A Just Transition to Sustainable Lifestyles) है। पिछली साल 2024 में इसे ‘उपभोक्ताओं के लिए निष्पक्ष और जिम्मेदार एआई’ (Fair and responsible AI for consumers) मनाया गया था। पिछली साल 2023 में इसकी थीम “स्वच्छ ऊर्जा परिवर्तन के माध्यम से उपभोक्ताओं को सशक्त बनाना” (Empowering Consumers Through Clean Energy Transitions) निर्धारित की गई थी।
Consumer Rights Day 2022 की Theme “न्यायसंगत डिजिटल फाइनेंस” थी तो वहीं 2021 की थीम ‘प्लास्टिक प्रदूषण से निपटना‘ थी।
पिछले कुछ सालों की थीम्स:
- 2022: न्यायसंगत डिजिटल फाइनेंस (Fair Digital Finance)
- 2023: स्वच्छ ऊर्जा परिवर्तन के माध्यम से उपभोक्ताओं को सशक्त बनाना (Empowering Consumers Through Clean Energy Transitions)
- 2021: प्लास्टिक प्रदूषण से निपटना (Tackling Plastic Pollution)
- 2020: सतत उपभोक्ता (The Sustainable Consumer)
- 2019: विश्वसनीय स्मार्ट उत्पाद (Trusted Smart Products)
- 2018: डिजिटल मार्केटप्लेस को उचित बनाना (Making digital marketplaces fairer)
- 2017: बेहतर डिजिटल दुनिया (Better Digital World)
- 2016: एंटीबायोटिक्स मेनू बंद (Antibiotics Off The Menu)
- 2015: स्वस्थ आहार (Healthy Diets)
- 2014: हमारे फोन अधिकार ठीक करें (Fix Our Phone Rights)
कैसे मनाते है Consumers Right Day?
विश्व उपभोक्ता अधिकार दिवस के अवसर पर ग्राहकों को अपनी जिम्मेदारियों एवं अधिकारों के बारे में बताने और जागरूक करने के लिए इस दिन विश्व स्तर पर कई कार्यक्रम चलाए जाते हैं। और स्कूलों और कॉलेजों में भी इस दिन इस विषय को लेकर कई कार्यक्रम और इवेंट्स का आयोजन किया जाता है।
इस मौके पर लोगों को उपभोक्ता अधिकारों एवं कानूनों के बारे में भी विस्तार से समझाया जाता है और कंजूमर फोरम में शिकायत करने के बारे में भी जानकारी दी जाती है।
यदि एक उपभोक्ता के तौर पर आपके अधिकारों का हनन होता दिखाई दे रहा है तो आप अपनी इच्छा के अनुसार उपभोक्ता आयोग में कार्यवाही कर सकते हैं। इसमें कालाबाजारी, जमाखोरी, मिलावट, नाप-तोल में गड़बड़ी, बिल ना देना, वस्तुओं का अधिक मूल्य लेना तथा इसी तरह के दूसरे गुनाह इन कानूनों के अंतर्गत आते हैं।
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भारत में राष्ट्रीय उपभोक्ता दिवस कब मनाया जाता है?
भारत में वर्ष 2000 से ही राष्ट्रीय उपभोक्ता दिवस हर साल 24 दिसंबर को मनाया जाता है। इसी दिन भारत के तत्कालिक राष्ट्रपति ने उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम, 1986 को स्वीकारा था। जिसे 09 दिसंबर 1986 को तत्कालिक प्रधानमंत्री राजीव गांधी जी की पहल पर पारित किया गया।
भारत में उपभोक्ताओं को कौन से अधिकार प्राप्त है?
भारतीय संविधान में उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 1986 के तहत उपभोक्ताओं को भी कई अधिकार दिए गए हैं जो निम्नलिखित हैं:
- उपभोक्ता शिक्षा का अधिकार
- सुनवाई का अधिकार
- सूचना पाने का अधिकार
- चुनने का अधिकार
- विवाद सुलझाने का अधिकार
- सुरक्षा का अधिकार