राष्ट्रीय समुद्री दिवस 2025: थीम और इतिहास

वर्ष 1964 से हर साल 5 अप्रैल को राष्ट्रीय समुद्री दिवस 1919 में मुंबई से लंदन के लिए पहली भारतीय स्टीमशिप के संमुद्र में उतारे जाने के उपलक्ष में मनाया जाता है। आइए इस साल की थीम और इसके इतिहास के बारे में विस्तार से जानते है।

राष्ट्रीय समुद्री दिवस कब मनाया जाता है? (Merchant Navy Week)

National Maritime Day of India 2025: हर साल 5 अप्रैल को मनाया जाने वाला राष्ट्रीय समुद्री दिवस पहली बार वर्ष 1964 को मनाया गया था और यह दिन 1919 में भारत द्वारा बनाए गए नेविगेशन के इतिहास की याद दिलाता है, जब प्रथम भारतीय फ्लैग मर्चेंट पोत ‘एस. एस. लॉयल्टी‘ मुंबई से लंदन की यात्रा पर रवाना हुआ था।

2025 में भारत अपने नेशनल मैरिटाइम डे का 62वां संस्करण शनिवार, 05 अप्रैल को मनाने जा रहा है, और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा ‘मर्चेंट नेवी ध्‍वज‘ को धारण करने के साथ ही राष्ट्रीय समुद्री सप्ताह (Merchant Navy Week) का शुभारंभ होगा, जिसे 30 मार्च से 5 अप्रैल तक मनाया जायेगा।

National Maritime Day of India 05 April
National Maritime Day of India 05 April

About National Maritime Day of India
नामराष्ट्रीय समुद्री या नौवहन दिवस दिवस
तारीख़05 अप्रैल (वार्षिक)
उद्देश्यभारत द्वारा वर्ष 1919 में बनाए गए नेविगेशन इतिहास को याद करना
पहली बार04 अप्रैल 1964
थीम (2025)समृद्ध सागर – विकसित भारत एवं नील अर्थ और हरित विकास के लिए युवा

 

राष्ट्रीय समुद्री दिवस का इतिहास है? (National Maritime Day History in Hindi)

5 अप्रैल 1919 को द सिंधिया स्टीम नेविगेशन कंपनी लिमिटेड (Scindia Steam Navigation Company Ltd.) का पहला जहाज, एस.एस. लॉयल्टी, भारत (मुंबई) से यूनाइटेड किंगडम (लंदन) की अंतरराष्ट्रीय यात्रा पर निकला था। यह आज भी भारतीय शिपिंग इतिहास के लिए एक महत्वपूर्ण कदम माना जाता है क्योंकि उस समय समुद्री मार्गों को ब्रिटेन द्वारा नियंत्रित किया जाता था।

भारतीय समुद्री इतिहास: भारत का समुद्री इतिहास 3000 साल ईसा पूर्व के बीच शुरू हुआ माना जाता है, जब सिंधु घाटी के निवासियों ने समुद्री व्यापार शुरू किया था। बताया जाता है कि सिंधु घाटी के रहने वालों ने पहली बार मेसोपोटामिया के साथ समुद्र का आदान-प्रदान शुरू किया था।

 

क्यों मनाते है नेशनल मैरीटाइम डे? (महत्व):

5 अप्रैल को राष्ट्रीय नौवहन दिवस मनाए जाने का उद्देश्य लोगों को भारतीय जहाजरानी (शिपिंग) के प्रति जागरूक करना तथा अर्थव्यवस्था में इसकी महत्वपूर्ण भूमिका को दर्शाना (अंकित करना) है। यह मुख्य रूप से दुनिया भर में वाणिज्य और वैश्विक अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने के मकसद से मनाया जाता है।

मैरिटाइम इंडिया मिशन 2030 के तहत भारत अपने बंदरगाह, जहाजरानी और जलमार्ग में सुधार की ओर तेजी से अग्रसर हो रहा है और विश्व स्तरीय बंदरगाहों तथा सुरक्षित, टिकाऊ और हरित समुद्री क्षेत्रों का निर्माण कर लॉजिस्टिक्स लागत को कम करने पर काम कर रहा है।


 

राष्ट्रीय समुद्री दिवस की थीम (विषय)

दुनिया भर में महाद्वीपों के बीच सुरक्षित और पर्यावरण के अनुकूल वाणिज्य का समर्थन करने के उद्देश्य से इसे प्रत्येक वर्ष एक ख़ास विषय के साथ मनाया जाता है। इस साल भारत के पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्रालय द्वारा राष्ट्रीय समुद्री दिवस 2025 की थीम ‘समृद्ध सागर – विकसित भारत एवं नील अर्थ और हरित विकास के लिए युवा‘ (Prosperous Seas – Developed India & Youth for Blue Economy & Green Growth) रखी गई है। नेशनल मैरीटाइम डे की Theme वैश्विक अर्थव्यवस्था के लिए भारतीय समुद्री सीमा और मर्चेंट नेवी के समर्थन का प्रतीक है, जो समुद्री रास्ते से माल को दुनिया के कोने-कोने में लेकर जाते है।

पिछले साल 2024 का विषय “भविष्य की यात्रा: सुरक्षा सर्वप्रथम” था और 2023 में नेशनल मेरीटाइम डे की थीम “शिपिंग में अमृत काल” (Amrit Kaal in Shipping) थी और 2022 में इसे प्रोपेलिंग इंडियन मैरीटाइम टु नेट जीरो विषय के साथ मनाया गया था, तो वहीं 2021 की थीम आत्मनिर्भर भारत की तर्ज पर ‘कोविड-19 से आगे सतत नौपरिवहन‘ (Sustainable Shipping Beyond Covid-19) थी।

2020 में 57वें राष्ट्रीय नौवहन दिवस की थीम “एक स्थायी ग्रह के लिए सतत शिपिंग” (Sustainable shipping for a sustainable planet) थी। और वर्ष 2019 की Theme “हिंद महासागर- अवसर का एक महासागर” (Indian Ocean: An Ocean of opportunity) थी।


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भारतीय नौवहन के बारें में कुछ ख़ास बाते

  • Major Ports: भारत में 13 प्रमुख बंदरगाह मौजूद हैं, जो गुजरात, महाराष्ट्र, गोवा, कर्नाटक, केरल, तमिलनाडु, आन्ध्रप्रदेश, ओडिसा, पश्चिम बंगाल, दमण और दीव, लक्षद्वीप, पोंडिचेरी, और अंडमान निकोबार द्वीप में स्थित हैं।

  • Indian Sea Shore: भारत का समुंद्री तट पूर्वी और पश्चिमी दोनों ओर 7517 किलोमीटर तक फैला हुआ हैं।

  • Maritime Zones Act 1976: भारत में 25 अगस्‍त 1976 को पारित हुए समुद्री क्षेत्र अधिनियम (Maritime Zones Act) के अनुसार भारत द्वारा 2.01 लाख वर्ग किलोमीटर समुद्री क्षेत्र का दावा किया गया है।

  • Merchant Navy: भारत में आधुनिक मर्चेंट नेवी का जन्म अंगेजों से स्वतंत्रता मिलने से पहले 1919 में एसएस लॉयल्टी के रूप में हुआ था, इस दौरान यह भारत से ब्रिटेन के लिए रवाना हुआ था।

  • National Maritime Day of USA: अमेरिका (USA) में ‘National Maritime Day’ 22 मई को मनाया जाता है तो वहीं ‘यूनाइटेड स्टेट्स कांग्रेस’ द्वारा इसे हॉलिडे भी घोषित किया हुआ हैं।

  • Rashtriya Samudri Diwas पांच महासागरों में व्यापार की सुविधा के माध्यम से समुद्री अर्थव्यवस्था का देश की Economy में दिए योगदान दर्शाता है।

  • आज भारत कुल DWT (लदान क्षमता) के मामले में दुनिया में 15वें स्थान पर है। इस समय भारत लगभग 12.8% अधिकारियों और रेटिंग का लगभग 14.5% दुनिया भर के समुदाय को आपूर्ति करता है। जो किसी भी देश में सबसे अधिक है।

 

मर्चेंट नेवी वीक और सागर सम्मान अवार्ड क्या है?

हर वर्ष मर्चेंट नेवी वीक को 30 मार्च से 5 अप्रैल 2025 तक मनाया जाना प्रस्तावित किया गया है, इस अवसर पर सागर सम्मान पुरस्कार वितरित किए जाते है, जिसमें से वरुणा अवार्ड काफी महत्वपूर्ण है। 2022 में सागर सम्‍मान वरुण पुरस्‍कार स्वर्गीय कैप्टन हैरी सुब्रमण्यम को दिया गया था।

“नेशनल मैरीटाइम वरुणा अवार्ड” ऐसे पुरस्कारों की सर्वोच्च श्रेणी है, जो समय के साथ-साथ समुद्री क्षेत्र में एक व्यक्ति द्वारा किए गए लगातार असाधारण और उत्कृष्ट सर्वांगीण और नेतृत्व योगदान के लिए दिए जाते हैं। इस पुरस्कार में भगवान वरुण की एक मूर्ति, एक प्रमाणपत्र और एक प्रशस्ति पत्र शामिल होता है।

 

विश्व समुद्री दिवस कब मनाया जाता है?

अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर विश्व समुद्री दिवस हर साल सितम्बर महीने के अन्तिम बृहस्पतिवार को मनाया जाता है। यह 1958 में अंतर्राष्ट्रीय समुद्री संगठन (IMO) सम्मेलन के अनुकूलन की तारीख को चिह्नित करता है। इस साल 2025 में “हमारा महासागर, हमारा दायित्व, हमारा अवसर” थीम के साथ विश्व समुद्री दिवस 25 सितम्बर को मनाया जाएगा।


तीनों ओर समुंद्र से घिरा होने के कारण भारत एक प्रायद्वीपीय देश कहा जाता है, ऐसे में व्यापार और रक्षा के लिहाज से इसकी सुरक्षा और जागरूकता को बढ़ावा देना जरूरी हो जाता है। आज Rashtriya Samundri Diwas के अवसर पर हम देश की मर्चेंट नेवी को दिल से सलाम करते है।


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