NASA क्या है? फुल फॉर्म, स्थापना, मुख्यालय, अध्यक्ष और मिशन

नासा की फुल फॉर्म राष्ट्रीय वैमानिकी एवं अंतरिक्ष प्रशासन (नेशनल एयरोनॉटिक्स एंड स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन) है। यह अमेरिका की एक सरकारी अंतरिक्ष एजेंसी है।

नासा की फुल फॉर्म क्या है? इसके बारे में पूरी जानकारी

अमेरिकी स्पेस एजेंसी नासा की फुल फॉर्म राष्ट्रीय वैमानिकी एवं अंतरिक्ष प्रशासन (नेशनल एयरोनॉटिक्स एंड स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन) है। यह संयुक्त राज्य अमेरिका के संघीय सरकार की कार्यकारी शाखा और एक स्वतंत्र एजेंसी है, जिसकी स्थापना वर्ष 1958 में नेशनल एयरोनॉटिक्स एंड स्पेस एक्ट द्वारा की गई। इसका मोटो (आदर्श-वाक्य) ‘सब की भलाई के लिए’ (For the Benefit of All) है।

जिस तरह से भारत की स्पेस एजेंसी ISRO है, उसी प्रकार अमेरिका की स्पेस एजेंसी का नाम NASA है। नासा ने अब तक इतनी सफलताएं हासिल की है कि आप अंतरिक्ष विज्ञान की बात करते समय नासा को नकार नहीं सकते।

नासा क्या है? फुल फॉर्म, मुख्यालय, अध्यक्ष और स्थापना
नासा क्या है? फुल फॉर्म, मुख्यालय, अध्यक्ष और स्थापना
नाम:नासा (NASA)
फुल फॉर्म:नेशनल एयरोनॉटिक्स एंड स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन
स्थापना:19 जुलाई 1958
मुख्यालय:वाशिंगटन डी.सी. (अमेरिका)
देश:संयुक्त राज्य अमेरिका
प्रकार:स्पेस एजेंसी
प्रशासक:बिल नेल्सन

 

यहाँ हम Nasa का इतिहास, इसकी स्थापना कब और किसने की? इसका चेयरमैन/अध्यक्ष कौन है? यह कहाँ की कंपनी है, इसका मुख्यालय कहां है? यह किस देश में स्थित है? और इसका मोटो और इसके कुछ महत्वपूर्ण मिशन के बारे में जानकारी हासिल करेंगे।

 

नासा क्या है? इसकी स्थापना कब और कैसे हुई?

NASA (नेशनल एयरोनॉटिक्स एंड स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन) अमेरिका की एक सरकारी अंतरिक्ष एजेंसी है, जिसकी स्थापना वर्ष 1958 में अमेरिका के राष्ट्रपति ड्वाइट डेविड आइज़नहावर ने की थी। यह अंतरिक्ष अन्वेषण, अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी, पृथ्वी और अंतरिक्ष विज्ञान, और वैमानिकी अनुसंधान के लिए जिम्मेदार है।

दरअसल पहले नासा को NACA (National Advisory Committee for Aeronautics) के नाम से जाना जाता था, जो केवल स्पेस संबंधित सलाह देता था। बाद में इसका नाम बदलकर NASA (National Aeronautics and Space Administration) कर दिया गया। शुरू में इसकी स्थापना करने का मुख्य उद्देश्य सोवियत संघ (रूस) द्वारा वर्ष 1957 में लांच किए गए पहले कृत्रिम उपग्रह को टककर देना था।

 

नासा का मुख्यालय कहाँ स्थित है?

नासा अमेरिका (USA) की एक सरकारी संस्था है, इसका मुख्यालय (Headquarters) वाशिंगटन डी.सी. (संयुक्त राज्य अमेरिका) में है।



NASA के वर्तमान चेयरमैन/अध्यक्ष कौन है?

वर्तमान समय में नासा के प्रशासक या अध्यक्ष सीनेटर बिल नेल्सन है। उन्होंने 3 मई, 2021 को 14वें प्रशासक के रूप में शपथ ली थी। इससे पहले ‘जिम ब्रिडेनस्टाइन‘ इसके प्रमुख थे, जिन्हे अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने नमित किया था।


NASA का मालिक कौन है?

NASA अमेरिकी सरकार की एक संघीय एजेंसी है, जिसका स्वामित्व किसी व्यक्ति या निजी संस्था के पास नहीं है। यह अमेरिकी सरकार की कार्यकारी शाखा का हिस्सा है और राष्ट्रपति के प्रति जवाबदेह है, जो नासा के प्रशासक को नियुक्त करते हैं।

साफ शब्दों में कहे तो अमेरिकी स्पेस एजेंसी NASA का स्वामित्व संयुक्त राज्य अमेरिका की सरकार और वहाँ के नागरिकों के पास है।


N.A.S.A के बारे में कुछ फैक्ट्स/रिकॉर्ड्स

  • अपोलो मिशन: अपोलो अब तक के सबसे महंगे वैज्ञानिक कार्यक्रमों में से एक है, 1960 में इसकी कीमत 20 बिलियन डॉलर थी और अब यह लगभग $258 बिलियन है।

  • चाँद पर पहला कदम: 20 जुलाई 1969 को चंद्रमा पर कदम रखने वाला पहला व्यक्ति नील आर्मस्ट्रांग था, जिसके 19 मिनट बाद बज एल्ड्रिन ने चांद पर कदम रखा और माइकल कॉलिन्स ने ऊपरी परिक्रमा की थी।

  • Space Race: नासा ने अपने अपोलो कार्यक्रम में सन् 1969 से 1972 तक चंद्रमा पर 12 लोगों को उतारकर सोवियत संघ से स्पेस रेस जीती।

  • मिशन मानव: 12 अप्रैल 1961 में सोवियत अंतरिक्ष यात्री युरी गागरीन अंतरिक्ष में जाने वाले प्रथम मानव बने, जिसके बाद 25 मई 1961 को अमेरिकी राष्ट्रपति जॉन एफ़. केनेडी ने अपोलो कार्यक्रम की घोषणा की। उन्होने 1960 के दशक के अंत से पहले चाँद पर मानव को भेजने की भी घोषणा की।


NASA के कुछ महत्वपूर्ण मिशन

  • 1. पायनियर 10 पहला इंटरस्टेलर यान
  • 2. वोयाजर अंतरिक्ष कार्यक्रम
  • 3. अपोलो 11 मिशन
  • 4. स्काईलैब अंतरिक्ष स्टेशन
  • 5. मंगल अन्वेषण रोवर्स: स्पिरिट और अपॉर्चुनिटी

1. पायनियर 10 पहला इंटरस्टेलर यान

नासा ने मार्च 1972 में Spacecraft Pioneer 10 को Launch किया था, यह कोई आम स्पेसक्राफ्ट नहीं था. पायनियर 10 मंगलग्रह और बृहस्पति ग्रह के बीच मौजूद Asteroid belt को पार करने वाला पहला स्पेसक्राफ्ट था, साथ ही यह हमारे सौर मंडल के Escape Velocity को पार करनें वाला पहला स्पेस मिशन बना।

इतना ही नहीं Pioneer 10 एक ऐसा पहला Space mission बना जिसने सन 1973 में बृहस्पति ग्रह और उसके Lunar का इतने करीब से अध्ययन किया। इसने एक साथ कई रिकॉर्ड बनाए और फरवरी 1976 को यह शनि ग्रह (Saturn planet) के पास से गुजरा। पायनियर का आखिरी Signal जनवरी 2003 में डिटेक्ट किया गया था।


2. वायेजर अंतरिक्ष अभियान

Pioneer मिशन के बाद अमेरिकी स्पेस एजेंसी नासा ने 20 अगस्त 1977 को अमेरिकी अंतरिक्ष सेंटर कैंप कनावराल से वायेजर-2 को और 5 सितम्बर को वायेजर-1 लॉन्च किया, इनका मुख्य उद्देश्य बृहस्पति(Jupiter), शनि (Saturn), वरुण और अरुण(नेपच्यून और यूरेनस) ग्रहों के बारें में महत्वपूर्ण जानकारी हासिल करना था.

Voyager Mission के द्वारा ही बृहस्पति ग्रह पर ज्वालमुखी और शनि ग्रह के उपग्रह Titan में हाइड्रोकार्बन के सागर मौजूद होने का पता चला. साथ ही इसने ग्रहों की कई तस्वीरें भी भेजी.

42 साल बाद अब वायेजर-1 पृथ्वी से करीबन 21 अरब किलोमीटर से दूरी पर है तो वहीं वायेजर-2 पृथ्वी से लगभग 17 अरब किलोमीटर की दूरी मौजूद है और इसने Interstellar Space में भी प्रवेश कर लिया है।


3. अपोलो 11 मिशन

Apollo नासा का सबसे महत्वपूर्ण और सबसे सफल माना जाने वाला ऐसा मिशन था जिसने चंद्रमा के तरफ उड़ान भरी और चंद्रमा पर पहले इंसान नील आर्मस्ट्रांग और बज एल्ड्रिन को 20 जुलाई 1969 को चंद्रमा की सतह पर उतारा यह मिशन अपोलो अभियान का पांचवा मिशन और चंद्रमा का तीसरा मिशन था.

इस मिशन के तहत भेजे गए तीनों अंतरिक्ष यात्री 24 जुलाई को पृथ्वी पर स्थित प्रशांत महासागर में उतरे और वह अपने साथ 21.5 किलो चांद के नमूने भी लेकर आए। NASA के इस अपोलो 11 अभियान ने अमेरिकी राष्ट्रपती जॉन एफ़. केनेडी का चाँद पर सोवियत यूनियन से पहले उतरने का सपना साकार कर दिया।

वर्ष 1969 से 1972 के दरमियां नासा द्वारा 6 अपोलो मिशन चाँद पर भेजे गए, जिनमें से 5 ने चाँद पर उतरने में सफलता हासिल की। हालाकि इसका का अपोलो 11 मिशन काफी विवादित रहा था।


4. स्काईलैब स्पेस स्टेशन

स्कायलैब संयुक्त राज्य अमेरिका का पहला और एकमात्र स्वतंत्र रूप से निर्मित अंतरिक्ष स्टेशन था इसे अमेरिका द्वारा 14 मई 1973 को अंतरिक्ष में लांच किया गया और इसके लॉन्च किए जाने के बाद तक लगभग 5 साल यह ठीक तरह से काम करता रहा. यह स्टेशन 1973 से 1979 तक पृथ्वी की कक्षा में रहा.

स्काईलैब का मुख्य उद्देश्य अंतरिक्ष में रहकर काम करना और इसका इस्तेमाल एक प्रयोगशाला के तौर पर किया जाना था. जिससे पृथ्वी और सूर्य के साथ ही सूक्ष्म गुरुत्वाकर्षण (Micro gravity) पर और अधिक अध्ययन किया जा सके, यह भी पता लगाया जा सके कि Long Term अंतरिक्ष उड़ान का मानव शरीर पर क्या प्रभाव पड़ता है.

इस केंद्र पर वैज्ञानिकों को अपोलो यान की मदद से पहुँचाया जाता था. इन अभियानों के दौरान स्काईलैब ने 2476 बार पृथ्वी का चक्कर लगाया और अंतरिक्ष यात्रियों ने 10 बार स्काईलैब से बाहर आकर अंतरिक्ष में कुल 42 घंटे और 16 मिनट का समय बिताया.

लेकिन नासा की मानें तो 1977-78 के दौरान अंतरिक्ष में आए सौर तूफान (सूर्य से निकलने वाली आग की लपटें) के कारण इसके पैनल जल गए और इसके इंजन ने भी काम करना बंद कर दिया. करीब 78 टन वजनी यह स्काईलैब उस समय मुसीबत बना जब यह अंतरिक्ष से धरती की ओर बढ़ने लगा और इसके भारत में गिरने की बात भी फैली थी। लेकिन 11 जुलाई को स्काईलैब हिंद महासागर और ऑस्ट्रेलिया में गिरा। यह इतना तगड़ा मिशन था कि स्काईलैब का नाम उस समय हर कोई जानता था.


5. मंगल अन्वेषण रोवर्स: स्पिरिट और अपॉर्चुनिटी

मंगल पर चट्टानों और वहाँ की मिट्टी में बहते हुए जल की गतिविधियों के सुराग तलाशने के लिए साल 2004 में अपॉर्च्युनिटी रोवर को लॉन्च किया गया जिसकी कुल 90 दिनों की थी, इसे 1 किलोमीटर का सफर तय करना था, परन्तु इसने मंगल ग्रह पर 15 साल का एक ऐतिहासिक सफर तय किया, जिसमें इसने 45 किलोमीटर का सफर तय किया.

Twin rover spirit ने इस बात के सबूत भेजें कि मंगल पर कभी पानी बहता था और यहां सूक्ष्मजीवों के पनपने की भी संभावना है। हालाकि फ़रवरी 2019 में नासा के एडमिनिस्ट्रेटर जिम ब्रिडेंस्टाइन ने ट्वीट कर यह बताया की मंगल पर पिछले साल जून में रेतीला तूफान आने के कारण अपॉर्च्यूनिटी के ट्रांसमिशन पर बुरा असर पड़ा था, रोवर से संपर्क नहीं होने पर इसे मृत घोषित कर दिया गया। इससे पहले ही इस रोवर ने मंगल की चट्टानों के कुछ नमूने इकट्ठा कर इनका परीक्षण भी किया था।



अंतिम शब्द

दोस्तों अब तो आप नासा के बारे में पूरी जानकारी और Pioneer, Voyager Mission, Apollo, Skylab Space Station और Spirit & Opportunity को भी पूरी तरह समझ ही गए होंगे। अगर आपको यह जानकारी अच्छी लगी तो इसे अपने दोस्तों रिश्तेदारों के साथ भी जरूर शेयर करें।

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