वर्ल्ड चॉकलेट डे कब मनाया जाता है?
Vishva Chocolate Diwas 2025: भारत और दुनिया भर में हर साल 7 जुलाई को विश्व चॉकलेट दिवस मनाया जाता है। इसे पहली बार वर्ष 2009 में मनाया गया था। इस दिन को चॉकलेट प्रेमी चॉकलेट खा कर और इसे एक-दुसरे में बांटकर मनाते है। इसके आलावा कपल्स द्वारा फरवरी में वैलेंटाइन सप्ताह के तीसरे दिन भी चॉकलेट डे मनाया जाता है।
चॉकलेट एक ऐसा खाद्य पदार्थ है जो बच्चे से लेकर बड़े हर किसी को पसंद आता है। इसे किसी खास मौके या किसी को खुश करने के लिए दिया जा सकता है। साथ ही इसे उचित मात्रा में खाने से शरीर को कई फायदे भी होते हैं।
नाम | विश्व चॉकलेट दिवस, (वर्ल्ड चॉकलेट डे) |
तिथि | 7 जुलाई (वार्षिक) |
पहली बार | वर्ष 2009 |
उद्देश्य | हमारे जीवन में चॉकलेट के अस्तित्व का जश्न मनाना |
कब और कैसे हुई विश्व चॉकलेट दिवस की शुरुआत
हर साल विश्व चॉकलेट दिवस 7 जुलाई को मनाया जाता है, बताया जाता है कि इसकी शुरुआत आज से लगभग 472 साल पहले यूरोप में 7 जुलाई 1550 को हुई थी। जिसके बाद फ्रांस ने भी सन् 1995 में चॉकलेट दिवस मनाने की शुरुआत की।
परंतु चॉकलेट का इतिहास मात्र 472 साल पुराना ही नहीं बल्कि कुछ लोगों का तो यह भी मानना है कि इसका आस्तित्व 2000 से 4000 साल पुराना है।
अलग-अलग देशों में चॉकलेट डे की तारीख़ भी अलग-अलग होती है, अमेरिका में इसे National Chocolate Day के रूप में 28 अक्टूबर को मनाया जाता है।
अफ्रीकी देश घाना कोको का दूसरा सबसे बड़ा उत्पादक है वहां चॉकलेट को समर्पित यह दिन प्रति वर्ष 14 फरवरी को मनाया जाता है।
चॉकलेट का इतिहास (History of Chocolate in Hindi)
ऐसा माना जाता है कि चॉकलेट का वृक्ष सबसे पहले अमेरिका में देखा गया था और इस वृक्ष की फलियों में लगे बीज से ही चॉकलेट की खोज करने की शुरुआत हुई थी।
उस समय वर्ष 1528 के करीब जब अमेरिका के मेक्सिको पर स्पेन का कब्जा था तब वह चॉकलेट के इस पेड़ (जिसे कोको कहा जाता है) को मेक्सिको से स्पेन ले आए थे और वहां के लोगों को यह इतना अच्छा लगा कि उन्होंने इसे अपना पसंदीदा ड्रिंक बना लिया।
हालांकि जब चॉकलेट का शुरुआती दौर था तो लोगों को इसके बारे में ज्यादा जानकारी नहीं थी इसलिए उन्हें इसका स्वाद कसैला और थोड़ा तीखा लगता था बाद में इसके तीखे पन को दूर करने के लिए कई उपाय किए गए। और इसे मीठा बनाने का श्रेय यूरोप को जाता है।
वर्ल्ड चॉकलेट डे कैसे मनाया जाता है? (Chocolate Day Celebration)
विश्व चॉकलेट दिवस को आप चॉकलेट का आदान-प्रदान कर या फिर किसी को चॉकलेट गिफ्ट करके इसे बड़े ही धूमधाम से मनाया जा सकता हैं।
आजकल चॉकलेट कई तरह से बाजार में उपलब्ध है आप चाहे तो डार्क चॉकलेट खरीद सकते हैं या फिर आप चॉकलेट केक, चॉकलेट कैंडी या फिर चॉकलेट से बनी कोई और अन्य चीज को किसी को उपहार के रूप में दे सकते हैं।
अगर आपसे आपका कोई प्रिय रूठ गया है तो उसे मनाने के लिए आप अंतर्राष्ट्रीय चॉकलेट दिवस पर उन्हें चॉकलेट गिफ्ट करके मना सकते हैं और अपने रिश्तो को मजबूत कर सकते हैं।
आज आइसक्रीम से लेकर केक और ज्यादातर ऑनलाइन मंगाई जाने वाली मिठाइयों में चॉकलेट का इस्तेमाल किया गया होता है।
चॉकलेट से होने वाले फायदे (Benifits of Chocolate in Hindi)
दोस्तों वैसे तो कई लोगों का मानना है कि चॉकलेट से शरीर की बनावट पर असर पड़ता है और इससे मोटापा बढ़ता है लेकिन इसके कई सारे लाभ भी होते हैं जैसे:
- चॉकलेट खाने से तनाव कम होता है क्योंकि चॉकलेट तनाव बढ़ाने वाले हारमोंस को नियंत्रित करता है।
- एक रिसर्च में यह भी पता चला है कि चॉकलेट ब्लड प्रेशर को नियंत्रित और कम करने का काम भी करता है।
- कुछ लोगों का यह भी मानना है कि चॉकलेट एंटी ओक्सिडेंट के गुण होते हैं जिसके कारण आप जल्दी बूढ़े नहीं होते।
- साथ ही चॉकलेट की बीज में कई औषधीय गुणों की भरमार होती है।
- रोज डार्क चॉकलेट खाने से दिल की बीमारी होने का खतरा एक तिहाई तक कम हो जाता है।
- चॉकलेट का मुंह पर एंटीबैक्टीरियल प्रभाव होता है जिससे यह दांतों की सड़न से बचाता है।
इसके कुछ फैक्ट (Facts About Chocolate):
एक आम इंसान अगर चॉकलेट की लगभग 22 पाउंड की खुराक ले ले तो यह उसके लिए घातक हो सकता है।
तकनीकी रूप से ‘वाइट चॉकलेट‘ चॉकलेट नहीं होती क्योंकि उसमें कोको की मात्रा कम या बिलकुल नहीं होती।
भारत और चॉकलेट
भारत में चॉकलेट की खपत काफी ज्यादा है और भारत में दूध और कोको की पैदावार लगातार बढ़ने के कारण चॉकलेट उद्योग भारत में काफी तेजी से बढ़ रहा है भारत सऊदी अरब, सिंगापुर, नेपाल, हांगकांग और यूएई में चॉकलेट निर्यात कर रहा है।
चॉकलेट बनाने वाले पेड़ कोको की फसल को बीसवीं शताब्दी के शुरुआती दौर में भारत लाया गया था और व्यवसायिक तौर पर इसकी खेती 1960 के दशक से ही होती आ रही है।
कोको एक उष्णकटिबंधीय फसल है और भारत की जलवायु इसके लिए बिल्कुल अनुकूल है इसीलिए भारत में इसका विकास काफी अच्छी तरह हो रहा है। आज भी भारत में यह बागवानी फसल के रूप में जानी जाती है और इसकी खेती भी की जाती है।
यह भी पढ़ें: बॉयफ्रेंड डे: कब, क्यों और कैसे मनाते है?